जीवन बहुमूल्य है। इसको हर पल जीना चाहिए। आप जिस प्रकार से अपने जीवन को जीना चाहोगे, आप वैसा ही जीवन जियोगे।
यह एक बहुत ही प्रसिद्ध स्टेटमेंट है, जो अधिकांश प्रेरक वक्ताओं, आध्यात्मिक गुरुओं का कहना है। मैंने इस बारे में बहुत पढ़ा और मुझे बहुत ज्यादा प्रेरणा भी मिली। पर मैं अक्सर अपने आप से एक प्रश्न करता तहत मैं अपने जीवन को खुशहाल कैसे बनाऊं? ऐसा क्या करूँ जिससे लगे कि जीवन मे सब कुछ है। मैं दिन रात इसी बारे में सोचता रहता था। मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने फिरने में समय व्यतीत करता था ताकि मैं एक खुशहाल जीवन व्यतीत करूँ। कॉमेडी फिल्म्स देखना मेरा एक शौक बन गया था। परन्तु मैं अभी भी एक खुशहाल जीवन नहीं जी रहा था। ऐसा लगता था मानो कुछ कमी है।
बड़े बुजुर्गों की मानूं तो वो एक बात ही कहते थे, ईश्वर में मन लगायो। रोज़ पूजा करो। सब भगवन पर छोड़ दो। मन अच्छा होगा। मैंने उनकी बातें मानके ये भी किया। धीरे धीरे ये मेरा रूटीन बन गया। मुझे अच्छा लग रहा था पर मैं अभी भी शायद खुश नहीं था. समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाये? एक दिन मैंने सोचा, कि चलो एकांत में बैठ कर इस बारे में सोचा जाये। क्यों मेरे जीवन में अडचने आती हैं ? बावजूद सब कुछ करने के बाद भी कुछ कमी है?
आप लोग भरोसा नहीं करेंगे, पर जब मैं अकेले में बैठ कर इस विषय पर सोच रहा था, मुझे इसका उत्तर मिल गया। मेरे जीवन में अडचने, कठिनाइयाँ मेरी ही वजह से आती है। मै ही अपने जीवन में कठिनाईओं को न्योता देता था।
इस लेख में मैं एक उस तथ्य के बारे में बात करूँगा जो हमारे जीवन में बहुत कॉमन है पर हम लोग अक्सर इसे नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसी की वजह से हमारे जीवन में कुछ भी सामान्य नहीं रहता है और फिर हम सबको, अपनी किस्मत को कोसना शुरू कर देते हैं।
क्या है वो तथ्य? चलिए, इस उदहारण के द्वारा जानने की कोशिश करते हैं।
क्या अपने कभी किसी चित्रकार या मूर्तिकार को उनकी कलाकृतियों बनाते हुए देखा है? वो कैसे ये अद्भुत कलाकृतियां बना लेते हैं? क्या कभी हमने इस बारे में सोचा है?
एक चित्रकार जब एक चित्र बनाने लगता है तो उसके पास एक कोरा कागज़, ब्रश और रंग होते हैं। इसके बाद वो अपनी कल्पना को जीवंत करता है। वो ये सब इसलिए कर पाता है क्यूंकि उस समय वो एक अद्भुत चित्र बनाने की सोचता है और पूरा ध्यान उसी पर केंद्रित रखता है। जिसके फलस्वरूप वो एक बहुत सुन्दर चित्र को बना लेता है। ठीक ऐसा ही कुछ एक मूर्तिकार करता है। परन्तु इन सब के बाद भी वो दुखी रहता है।
इन दोनों के दुखी रहने में जो एक तथ्य सामान्य है, वो ये है कि जितना केंद्रित ये दोनों अपनी कला को जीवंत बनाने में रखते हैं, उतना केंद्रित ये अपने जीवन में नही होते हैं।
दोस्तों, ये जीवन एक कोरा कागज़ है। हम जैसा इसे बनाएंगे ये वैसा ही दिखेगा। जैसे रंग इसमें भरेंगे ये वैसे ही रंगो से भरेगा।
यदि आपके जीवन में भी ऐसी समस्या है तो चलिए हम मिलकर इसको ठीक करने की कोशिश करते हैं। इसके लिए आपको एक छोटी सी प्रक्रिया करनी होगी। आइये, इसे समझते हैं।
सबसे पहले एक एकांत जगह पर बैठें और अपनी आँखों को बंद लें। अब अपने बचपन की अच्छी यादों को याद करें। उन लम्हो को याद करें जिन्हे करके आप अत्यंत प्रस्सन होते थे। उन कार्यों को याद करें जिन्हे करने में आपको बहुत आनंद मिलता था।
अब अपनी आँखें खोलें और अपने आप को एक आईने के सामने देखें। क्या आप अभी भी वैसा कार्य कर रहे हैं, जिसे करने में आपको ख़ुशी मिल रही हैं। सोचिये, एक समय था जब आप किसी भी तरह की चिंता से ग्रसित नहीं थे। परन्तु क्या अब भी वैसे हालत हैं? यदि नहीं, तो कोई बात नहीं। मैं आपकी मदद करूँगा।
अब जिन कारणों से आप एक तनाव भरी जिंदगी जी रहे हैं, उनको एक कागज़ पर लिखें।
अब उन कारणों को दूर करने के लिए क्या करना चाहिए, ये भी लिखें। उदहारण के लिये, मान लें, आपकी घरेलु जिंदगी बहुत ही अस्त व्यस्त हैं। आप ऑफिस के कार्यों में इतने व्यस्त हैं, कि आप अपने घरवालों के लिए बिलकुल भी समय नहीं निकालते हैं। आपको ऐसा लगने लगता है, कि मैं इन लोगों के लिये इतना कुछ करता हूँ, पर इनको मेरी कदर नहीं है। ये मुझसे प्यार नहीं करते। पर क्या ये सच है? नहीं, बिलकुल भी नहीं। आपने अपने जीवन में रंग ही ऐसे भरे हैं, जिसकी वजह से आपको ऐसा सोचना पड़ता है। इसको ठीक करने के लिए आपको अपनी कार्यप्रणाली बदलनी होगी। आपको सारा समय काम के बारे में ना सोचकर अपने लिए, अपने परिवार के लिए भी सोचना होगा। ज़रा सोचिये, अगर आप समय से घर आ जायें और अपने परिवार के साथ एक अच्छा समय बितायें, तो बस मज़ा ही आ जायेगा। आपके परिवार के सदस्य बहुत खुश होंगे। वो खुश तो आप भी खुश।
तो बताईये, क्या अब आपकी जिंदगी खुशहाल बन सकती है या नहीं।
दोस्तों, ये सब प्रक्रियाएं आज़माए और परखे हुए हैं। आपको कुछ अलग नहीं करना है। मेरा ये मानना है कि इन तरीकों को अपनाकर आप अपने जीवन में खुशियों के रंग भरेंगे।
मलय
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें